लखनादौन को 7 दिन में  जिला बनाने की मांग

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डाली जैन

लखनादौन 25 अगस्त (संवाद कुंज) एक बार फिर विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही 100 वर्ष से अधिक पुरानी तहसील लखनादौन को जिला बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.

लखनादौन को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर विगत एक सप्ताह से सप्ताह से बैठकों के दौर के बाद शुक्रवार को जागरूक नागरिक, राजनैतिक संगठन के पदाधिकारी, अधिवक्ता संघ एवं प्रेस क्लब के सदस्यों सहित व्यापारी वर्ग द्वारा राम मंदिर प्रांगण में एकत्र होकर एक विशाल रैली निकाली गई जिसमें छपारा, घंसौर, धनौरा को मिलाकर लखनादौन को जिला बनाने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा गया है.

ज्ञापन में कहा गया है कि यदि यदि सीएम शिवराज सिंह यदि लखनादौन को जिला बनाने की घोषणा नही करते तो विधानसभा क्षेत्रवासी उग्र आन्दोलन करने हेतु बाध्य होंगे. ज्ञापन में कहा गया है कि लखनादौन आजादी के पूर्व अंग्रेज शासनकाल के समय सन् 1860 में गठित की गई थी. उस समय  मध्यप्रदेश की राजधानी नागपुर थी तथा जिला छिंदवाडा की एकमात्र पुरानी तहसील लखनादौन भी थी उस समय सिवनी तहसील नही थी.

छत्तीसगढ़ राज् का गठन होे के बाद 45 जिलो में 29 जिले म.प्र. में तथा 16 जिले छ.ग. में विभाजित कर दिये गये थे. सन् 2003 के बाद 29 जिलो को आज 52 जिलो में विभाजित कर दिया गया है एवं मुख्यमंत्री द्वारा 03 जिलो की घोषणा भी की जा चुकी है. 02 विकासखण्डो के योग वाली तहसीले जिनकी जनसंख्या लगभग 3.50,000 रही है, उन तहसीलो को जिला का दर्जा दे दिया गया है कि आदिवासी बाहुल्य तहसील लखनादौन आज भी विकास की बाट जोह रहा है.

लखनादौन के लोगों ने एसडीओ को दिये अपने ज्ञापन मे कहा है कि लखनादौन तहसील को जिले का दर्जा प्रदान करने की घोषणा 07 दिन के भीतर की जाये अन्यथा लखनादौन जिला बनाओ संघर्ष समिति 07 दिन के उपरांत उस आंदोलन हेतु बाध्य होगी, जिसकी समस्त जबाबदारी म.प्र.शासन की होगी.

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