सिवनी 10 जुलाई (संवाद समारोह में सम्मिलित हुए और कुंज). ऑल इंडिया समता उन्होंने डॉ. आंबेडकर को दिल्ली सैनिक दल के संस्थापक सदस्य में उनके निवास स्थान में वचन एवं डॉ. अंबेडकर एवं तथागत दिया था कि मैं आजीवन बुद्ध बुद्ध के विचारों का प्रचार-प्रसार धम्म और अंबेडकर मिशन के करने वाले मार्शल एल.आर. बाली लिए कार्य करूंगा और जैसे ही का 94 वर्ष की उम्र में जालंधर पंजाब में निधन हो गया वे बड़े क्रांतिकारी विचारों के धनी थे तथा डॉ.बी.आर अंबेडकर के विचारों का प्रसार करने के लिए देश के विभिन्न स्थानों में जाकर विदेशों अमेरिका ब्रिटेन श्रीलंका, कनाडा, ताइवान, फिलीपींस, थाईलैंड, चीन, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, फ्रांस, नेपाल आदि देशों की यात्रा किया और वहाँ के आयोजित सम्मेलनों में सम्मिलित हुए.
विशेष बात यह रही कि 14 लोगों की बौद्ध धर्म की दीक्षा डॉ. अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ वैसे ही उन्होंने अपनी बढ़िया सरकारी नौकरी से तुरंत त्यागपत्र देकर आजीवन तक डा. अंबेडकर मिशन का कार्य जीवन के अंतिम समय तक करते रहे. अभी भी वह भीम पत्रिका के माध्यम से लेख लिखकर देश और विदेश तक उसका वितरण कर डॉ. आंबेडकर और बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करते रहे उनके दुखद निधन से अंबेडकरी और बौद्ध जगत दुख से स्तब्ध
उनकी अपूरणीय क्षति को कोई पूर्ण नहीं कर पाएगा उनके परिवार एवं सहयोगियों को संपूर्ण देश और विदेशों से शोक संवेदनाएँ प्राप्त हो रही है.
मार्शल एल. आर. बाली का दुखद निधन का समाचार प्राप्त होने पर ऑल इंडिया समता सैनिक दल की ओर से मार्शल जेडी बौद्ध की अध्यक्षता में एक शोक सभा आयोजित कर उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी गई.
इसी तरह अंतिम संस्कार 09 जुलाई को जालंधर में सम्मिलित होने के लिए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र-प्रदेश तमिलनाडु, गुजरात, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर आदि स्थानों से भारी संख्या में समता सैनिक दल के मार्शल सम्मिलित होने पहुँचे और अक्टूबर 1956 को लाखों हो गया.