कार्यालय डेस्क
सिवनी 12 मार्च (संवाद कुंज). नगर की जलापूर्ति प्रभावित न हो इसके लिये बंडोल फिल्टर प्लांट से 14 ग्रामों को जो जलापूर्ति की जाती है उसके कनेक्शन काटे जाने के निर्देश जिला कलेक्टर द्वारा दिये गये हैं.
ज्ञातव्य है कि जो सबसे पहली भीमगढ़ जलावर्धन योजना बनी थी उसका इंटेकवेल सुआखेड़ा में है और फिल्टर प्लांट सिवनी बंडोल में है. यह योजना नगर के लिये बनी थी पर बंडोल फिल्टर प्लांट से 14 गाँवों को जोड़ दिया गया था जिसके कारण शहर में पानी की समस्या आज तक बनी हुई है और शहर में व्याप्त पानी की समस्या दूर करने हेतु 65 करोड़ रूपये की दूसरी नयी योजना लानी पड़ी और तीसरी नयी योजना का कार्य भी प्रगतिरत है.
सिवनी जैसे छोटे से शहर में इतनी सारी योजनाएं इसीलिये लग रही हैं क्योंकि पहली योजना में घटिया पाइप इस्तेमाल कर लिये गये एवं नगर के लिये बनी योजना में 14 गाँव जोड़ दिये गये. दूसरी योजना इसीलिये खराब बनी क्योंकि इसकी डीपी आर ही गलत थी. पुरानी भाजपा की सरकार अधिकारियों और ठेकेदारों की सरकार थी अधिकारी और ठेकेदार जो मिलकर कर देते थे वही सहीं होता था तो 65 करोड़ की एक गलत योजना पास हो गई और स्थिति आज भी यही है कि पानी की कमी हैं. अगर 65 करोड़ रूपये की योजना सहीं बनी होती तो पूरे शहर को दो टाइम पर्याप्त पानी मिलता. तीसरी योजना पर काम करने की इसीलिये जरूरत पड़ी और 14 गांव क़े कनेक्शन इसीलिए काटने की बात चल रही हैं क्योकि दूसरी योजना फेल है.
सूत्र बताते हैं कि नगर की पेयजल समस्या को देखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा जल बोर्ड निगम को कहा गया है कि वे 14 ग्रामों की जलापूर्ति किये जाने हेतु अपनी ओर से प्रबंध करें ताकि नगर पालिका द्वारा 14 गाँवों के कनेक्शन काटे जा सके. गौरतलब होगा कि मार्च से नगर में पेयजल संकट छा जाता है और दो-दो तीन दिन नल नहीं आते हैं और हर साल स्थिति यह रहती है कि लोगों के यहाँ गमी हो जाती है मोक्षधाम से अंतिम संस्कार के बाद लोग घर वापस आ जाते हैं और नहाने इत्यादि के लिये पानी नहीं रहता. इस स्थिति में लोग वार्ड पार्षद की कालर पकड़ते हैं और वार्ड पार्षद कुछ कर नहीं पाता क्योंकि जल शाखा के कर्मचारी हमेशा नल न आ पाने के पीछे कोई न कोई ऐसा कारण बताते हैं कि उनके अतिरिक्त कोई नहीं समझ पाता.
इन ग्रामों को दिया जाता है पानी
बंडोल, राहीवाड़ा, सोनाडोंगरी, थावरी, अलोनिया, झिलमिली, नारायणगंज, सुरीनटोला, गोरखपुर, भोंगाखेड़ा, नगझर, लूघरवाड़ा, सिमरिया, गोरखपुर कला