राजस्व में कमी परिषद की चिंता बनी, दुकाने नीलाम करने के पक्ष में परिषद

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अप्रेल से नगर पालिका संभालेगी जलावर्धन योजना

कार्यालय डेस्क

सिवनी 11 मार्च (संवाद कुंज) आज नगर पालिका के बजट सम्मेलन में राजस्व की कमी और जलावर्धन योजना को हैंडओवर लिये जाने का मुद्दा इतना छाया रहा कि शाम तक सत्र समाप्त ही नहीं हुआ.

ज्ञातव्य है कि लाड़ली बहना योजना के बाद से मध्यप्रदेश शासन द्वारा हर विभाग के बजट में कटौती की गयी है जिसमें नगर पालिका का बजट भी काफी कम हो गया है स्थिति यह है कि नगर पालिका के पास अपने कर्मचारियों की तनख्वाह निकालने का पैसा भी नहीं है जिसे लेकर आज बजट बैठक में काफी देर तक करों की वसूली ठीक से न होने का मुद्दा छाया रहा.

नगर पालिका में यह मुद्दा विशेष रूप से उठा कि नगर की जनता पर जल कर की 4 करोड़ रूपये की राशि के विरूद्ध केवल 20 लाख रूपये की वसूली दिख रही है. इसके अलावा अन्य करों की राशि भी शेष है.  नगर में नगर पालिका स्वामित्व की नगर के विभिन्न काम्पलेक्सों में जो दुकाने हैं वे ऊपर ही ऊपर बिक गयी, उनके अनुबंधों का नवीनीकरण भी नहीं हो रहा है कई दुकानों का प्रीमियम तक नहीं पटा है. अनेकों का किराया नही आ रहा है. दो साल पहले शुक्रवारी काम्पलेक्स की जो दुकाने सील की गयी थी उन दुकानों की नीलामी कुछ विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये नहीं किया जा रहा है. नगर पालिका का राजस्व विभाग सबसे ज्यादा कमजोर है वार्ड मुंशी राजस्व संग्रह करने का काम बिल्कुल न के बराबर कर रहे हैं.

इसी प्रकार बैठक में दूसरा मुद्दा जलावर्धन योजना के हैंडओवर का उठा. सम्मेलन में उपस्थित अधिकांश पार्षदों का मत था कि जलावर्धन योजना को नगर पालिका का हैंडओवर नहीं लेना चाहिये जिसपर परिषद को बताया गया कि योजना को हैंडओवर लेना ही पड़ेगा. हाँ ठेकेदार द्वारा जो अनिमितता की गयी हैं, जो कार्य उसे करना चाहिये था और वह उसने नहीं किया है उसके लिये उसकी बकाया राशि तथा सिक्योरिटी डिपाजिट नगर पालिका में हैं जिसे रोका जायेगा.

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