पहले 11 करोड़, फिर 3 करोड़ और अब 80-100 करोड़ घुस जायेंगे माँडल रोड मे

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कार्यालय डेस्क

सिवनी 22 दिसं (संवाद कुंज) एमपीआरडीसी जिसका शहर में कोई उपयंत्री तक नहीं रहता है के द्वारा 13.30 किलोमीटर लंबे पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से बनाया जा रहा है. सोचने की बात यह है कि वर्ष 2014 से लेकर 2024 तक यह राजमार्ग एक साथ और टुकड़े टुकड़े में कई बार बन चुका है और बार बार इसी राजमार्ग के लिये पैसों की मांग होती है और पैसे स्वीकृत भी हो जाते हैं. जितने पैसे इस राजमार्ग के लिये मांगे जा चुके हैं और स्वीकृत किये जा चुके हैं उतने में शहर की सारी सड़को बन जाती.

ज्ञातव्य है कि जब फोरलेन रोड का निर्माण हो रहा था तब एनएचएआई नगर के अंदर से गुजरने वाले फोरलेन मार्ग को बनाकर देने को तैयार था उस समय नगर पालिका द्वारा यह कह दिया गया कि नगर के अंदर की रोड नगर पालिका बनायेगी और 11 करोड़ रूपये की लागत से नगर के अंदर की माडल रोड बनायी गयी और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा नगर के बाहर की रोड बनायी गयी. तो पहली बार नगर के अंदर से गुजरने वाली माडल रोड के निर्माण में 11 करोड़ लग गये नगर के बाहर पीडब्ल्यूडी ने अलग से राशि व्यय कर रोड को बनायी.

इसके बाद अभी 2-3 वर्ष पूर्व इस माडल रोड का डामरीकरण 3 करोड़ रूपये की लागत से किया गया और डामरीकरण के बाद नाला निर्माण हेतु फिर रोड को खोद दिया गया. यह नाला जब पहली बार रोड बनी तब भी बनाया जा सकता था और जब दूसरी बार रोड का डामरीकरण हुआ तब भी बनाया जा सकता था और अब फिर 100 करोड़ रूपये का एक अनुबंध हस्ताक्षर होने वाला है जिसमें पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में तब्दील किया जायेगा तथा नागपुर रोड में रोड ओवर ब्रिज बनाया जायेगा.

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि अगर देखा जाये तो 2014 से लेकर 2024 तक एक ही रोड में केन्द्र और राज्य सरकारक द्वारा लगभग 70-80 करोड़ रूपये खर्च कर दिये गये हैं जबकि इतनी राशि में नगर की सारी सड़के बन सकती थी. सांसद ढालसिंह बिसेन पूरे नगर के लोकसभा क्षेत्र के सांसद हैं जिस रोड को दो बार बनाया जा चुका है उसके लिये तीसरी बार पैसे मांगे जाने की जरूरत ही नहीं थी. सांसद बिसेन चाहते तो पूरे नगर की सड़कों के लिये 100 करोड़ रूपये मांग सकते थे जिसमें एमआर-1, एमआर-2 जैसी महत्वपूर्ण रोडों के साथ अन्य सड़के भी बन जाती या फिर हाउसिंग बोर्ड वाले पुराने बायपास जो कि बहुत उपयोगी है कि लिये राशि मांग सकते थे पर इन्होंने बन चुकी सड़कों के लिये पुनः पैसे मांग लिये.

दैनिक संवाद कुंज द्वारा तकनीकी अमले से जब पूछा गया कि एक ही सड़क को इतनी बार बनाने में क्या फायदा होता है तो तकनीकी अमले ने जो जवाब दिया वो हैरत कर देने वाला था. तकनीकी अमले का कहना था कि एक के बाद एक उसी सड़क को बनाना सबसे ज्यादा फायदे का सौदा होता है क्योंकि जो सड़क एक बार बन चुकी है उसके नीचे की परत बहुत अच्छी है, उसमें मिट्टी मुरम की फिलिंग बहुत अच्छी हुई है, कई बार रोलर भी चल चुके हैं और ट्रेफिक लगातार बना रहने के कारण वह ठोंस हो चुकी है. सड़क के नीचे का सब बेस पूरा बना हुआ है केवल ऊपर की दो या तीन लेयर बनाना है पर जब प्राक्कलन बनाया जाता है तो नीचे की पहली सतह से लेकर सबसे ऊपर अंतिम सतह तक का पैसा जोड़ा जाता है और दर्शाया भी यही जाता है कि काम नीचे से लेकर ऊपर तक पूरा नया गया गया है पर नया किया नहीं जाता है. यह ऐसा ही है जैसे किसी मकान का प्लिंथ लेवल तक का काम हो चुका है केवल जमीन के ऊपर का निर्माण बाकी है पर जब एस्टीमेट बनाया जा रहा है तो नीव खोदकर मकान बनाया जा रहा है.

बायपास बनने से होता फायदा

  • सिवनी नगर के मध्य से होकर गुजरने वाले पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग के स्थान पर अगर हाउसिंग बोर्ड वाले पुराने बायपास का निर्माण किया जाता तो यह बेहतर होता. पुराने बायपास से खैरीटेक, जनतानगर छतरपुर, पलारी, चूनाभट्टी, बिठली, कोहका, मानेगाँव, बींझावाड़ा, लूघरवाड़ा  इन सारे गाँवो को फायदा होता. शहर का यातायात सुधरता और विकास होता. विकास के लिये आधारभूत संरचना इन्फ्रास्ट्रर होना बहुत आवश्यक है वह इन्फ्रास्ट्रक्चर सिवनी का बना ही नहीं है. सड़के विकास का सूचकांक होती हैं.
  • नगर के विकास के लिये सड़क और गाँव के विकास के लिये नहर होनी चाहिये. सिवनी में सड़कों के आभाव में नगर का विकास नहीं हो पा रहा है और नहरों के आभाव में गाँव का विकास नहीं हो पा रहा है और चूँकि जनता इन चीजों के प्रति उदासीन है इसीलिये नेताओं में भी उदासीनता है.
  • विचारणीय बात यह है कि पूर्व विधायक श्री नरेश दिवाकर एमआर रोड के लिये लंबे समय से प्रयासरत हैं एमआर -1, एमआर 2 रोड सिवनी नगर के लिये आवश्यक भी है पर एमआर -1, एमआर 2 रोड के लिये पैसा नहीं दिया जा रहा क्योंकि इसमें वो लूट नहीं है जो लूट पुरानी रोड को फिर से बनाने में है. सांसद पूरे लोकसभा क्षेत्र के सांसद है. उनके द्वारा पूरी सड़के छोड़कर एक बन चुकी रोड के लिये पैसा मांग लिया गया और उस काम के लिये राशि स्वीकृत भी हो गयी जिसकी आवश्यक्ता नहीं थी.
  • अब इस रोड की स्थिति भी कुछ ऐसी है कि इस रोड से प्रशासन न पक्के अतिक्रमण हटा सकता है न ठिलिया. ठेला हटाओं तो मकान पर बात आती है. मकान हटाओ तो मंदिर पर बात आती है मंदिर हटाओं को मस्जिद पर  बात आती है. कब्जा करने में किसी ने कमी नहीं छोड़ी है जो जहाँ तक फैला सकता था उसने वहाँ तक फैलाया है.

जनता को लंबे समय से बनाया जा रहा है बेवकूफ

सिवनी के नेता एक ही रोड को कई बार बनाकर, एक ही योजना को कई बार लाकर केवल जनता को बेवकूफ बनाने का काम करते हैं जैसे एक बार 65 करोड़ की जलावर्धन योजना ले आये और अब 45 करोड़ रूपये की फिर एक जलावर्धन योजना लायी जा रही है. ये जनता को बेवकूफ बनाने का काम है. सिवनी नगर के लिये 4-4 पेयजल पेयजल योजनाओं की जरूरत ही नहीं है. माडल रोड का निर्माण दो बार हो जाने के बाद बस स्टैंड के पास का नाला बनाया जा रहा है और नाला बनाने के बाद फिर वही रोड बनायी जायेगी.

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