ऋषभ जैसवाल
बरघाट 16 जन. (संवाद कुंज) वीरबाला अमर शहीद बिंदु कुमरे का 23 वा बलिदान दिवस बरघाट में धूमधाम से मनाया गया.
ज्ञात हो कि 16 जनवरी 2001 को लश्कर ए तैयबा के आतंकी श्रीनगर एयरपोर्ट में घुस गए गए थे ड्यूटी पर तैनात वीरबाला अमर शहीद बिंदु कुमरे ने आतंकियों से डटकर सामना करते हुए तीन आतंकियों को मार गिराया था और देश के लिए कुर्बान हो गई थी.
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड के जावरकाठी गांव में जन्मी अमर शहीद बिंदु कुमरे का जन्म 7 अप्रैल 1970 को माता गिंदिया बाई व पिता शिवनाथ कुमरे के घर हुआ था. बचपन से देश सेवा का जज्बा रखने वाली वीरबाला बिंदु कुमरे 12 वीं की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1997 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में चयन हुआ था. 16 जनवरी 2001 को श्रीनगर एयरपोर्ट पर ड्यूटी पर तैनात बिंदु कुमरे ने तीन आतंकियों को मार गिराया था तथा शहीद हो गयी थी.
आज वीरबाला बिंदु कुमरे के ग्राम जावरकाठी स्थित शहीद स्मारक स्थल में सिवनी कलेक्टर क्षितिज सिंघल, एसपी रामजी श्रीवास्तव, असिस्टेंट कमांडेंट भोपाल ऋषभ शर्मा, सीआरपीफ निरीक्षक भोपाल डीके शर्मा , बरघाट तहसीलदार संजय बरमैया ने शहीद स्मारक में फूलमाला अर्पित कर अमर शहीद को याद किया.
सिवनी कलेक्टर क्षितिज सिंघल और एसपी रामजी श्रीवास्तव, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार, बरघाट विधायक कमल मर्सकोले नगर परिषद अध्यक्ष इमरता साहू ने वीरबाला शहीद बिंदु कुमरे की माताजी गिंदीया बाई, भाई पूर्व कलेक्टर डॉ श्याम सिंह कुमरे, भाई रामेश्वर कुमरे संयुक्त संचालक, भाई बैजनाथ कुमरे, भाई शरद सिंह कुमरे, बहन बैजन्ती मार्को, जीजा लालसिंह मार्को भीमू नागभीरे, भतीजे प्रवीण कुमरे का फूलमाला और शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया. इस अवसर पर बलिदान दिवस के मौके पर बरघाट नगर में स्कूली बच्चों के द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। अमर शहीद बिंदु कुमरे अमर रहे के जयघोष से नगर गूंज उठा। कान्हीवाड़ा चौक स्थिक शहीद बिंदु कुमरे की प्रतिमा पर माल्यार्पण अर्पण किया.
स्थानीय लोगों द्वारा किसी शैक्षणिक संस्था का नाम शहीद बिन्दु कुमरे के नाम पर रखने की मांग की गयी है ताकि विद्यार्थी जब उस संस्था में अध्ययन करें तो उन्हें पता चले कि श्रीनगर जो कि लोगों के लिये एक पर्यटन स्थल है जहाँ पूरी दुनिया से लोग मौज मस्ती के लिये जाते हैं वहाँ हुए आतंकी हमले में लोगों की रक्षा के लिये सिवनी जिले की एक बेटी ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी.