जो विकास कार्य कालोनाईजर के पैसे से होना था अब उसका भुगतान भी जनता करेगी, वाह रे शिवराज : राजिक अकील

Share the news

कार्यालय डेस्क

सिवनी 25 अगस्त (संवाद कुंज) मुख्यमंत्री शिवराजसिंह द्वारा 15 अगस्त 2018 तक अवैध कालोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी क्योंकि 2 माह बाद 2018 के विधानसभा चुनाव थे. इसी तरह चुनावी वर्ष देखते हुए फिर अवैध कालोनियों को वैध करने की घोषणा कर दी गयी है यह घोषणा भी वैसी ही है जैसी पिछले बार की थी.

जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री राजिक अकील द्वारा बताया गया कि नगर पालिका पूर्व में अवैध कालोनियों में विकास शुल्क लेकर भवन निर्माण अनुज्ञा जारी करती थी. भाजपा सरकार ने इस कार्य में रोक लगा दी और अब यही नियम बना दिया कि जनता से विकास शुल्क लेकर अवैध कालोनियों को वैध किया जाये.

जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री राजिक अकील द्वारा बताया गया नगर पालिका द्वारा रामकुमार पिता सोनू उर्फ सोहन की कालोनी पर 60 रू. प्रतिवर्ग फीट, दीपक पिता अभय शंकर 50 रू. प्रतिवर्ग फीट, प्रदीप पिता गजानंद महादेव 40 रू. प्रतिवर्ग फीट, अजय चैरसिया पिता चेतलाल चैरसिया 35 रू. वर्गफीट, राजबहादुर पिता रामपाल चैहान 25 रू. वर्गफीट, श्रीमति विकारून पति अनवर खान 20 रू. वर्गफीट और इसी तरह नगर की सभी 75 कालोनियों के लिये अलग-अलग ‘‘विकास शुल्क‘‘ भवन निर्माण अनुमति के लिए निर्धारित किया गया है.

जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री राजिक अकील द्वारा बताया गया है कि नगर पालिका द्वारा जो सूची बनायी गयी है अवैध कालोनियों की राजबहादुर सिंह चौहान की कालोनी में 157.80 लाख रूपये के विकास कार्य होने हैं, पूजा, कुलदीप अग्रवाल, शारदा देवी पति गिरधारीलाल अग्रवाल की कालोनी में 111. 07  लाख रूपये के विकास कार्य होने हैं, रघुराज, कन्हैया, जयनारायण संजय पिता ब्रजलाल की कालोनी में 145.60 लाख रूपये के विकास कार्य होने है इसी प्रकार किसी की कालोनी में 50 लाख के किसी की की कालोनी मे 22 लाख के किसी की कालोनी में 12 लाख के विकास कार्य होने हैं. इस विकास कार्यों का पैसा नगर पालिका द्वारा कालोनी के रहवासियों से लिया जायेगा और कुछ पैसा नगर पालिका मिलायेगी और जो विकास कार्य कालोनाईजर को करके देना था वह विकास कार्य अब कालोनी के लोग और नगर पालिका करेगी. एक प्रकार से अवैध कालोनियों का विकास पीपीपी (पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप मोड पर होगा).

जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री राजिक अकील द्वारा बताया गया है कि कालोनाईजर द्वारा जब कालोनी का लायसेंस लेता है तब कालोनी के विकास हेतु कुछ प्लाट बंधक रखता है और जब कालोनीईजर कालोनी का विकास नहीं करता तो यह सरकार की जवाबदारी होती है कि वह कालोनी के विकास हेतु उन बंधक भूखंडों का विक्रय कर उस राशि से कालोनी का विकास कार्य करें.

श्री अकील ने कहा कि सरकार को पहले उक्त कालोनियों के बंधक भूखंडों को नीलाम करना चाहिये, उनकी नीलामी से जो राशि नगर पालिका को प्राप्त हो जायेगी उस राशि के बाद जो राशि शेष बचती है वह कालोनाईजर से वसूली जानी चाहिये और कुछ राशि नगर पालिका को मिलायीजाकर कालोनी का विकास कार्य करना चाहिये. पर शिवराज सिंह चौहान कालोनाईजर को बचाने केलिये जनता से कालोनी के विकास की राशि ले रहे हैं जबकि कालोनी के विकास की जवाबदारी कालोनाईजर द्वारा ली गयी थी न कि जनता द्वारा.

इसे इस तरह समझे

नगर की एक अवैध कालोनी है सीतादेवी पति रामेश्वर सूर्यवंशी की. इसका खसरा नंबर 49/2,50/2 है. इसमें 15. 58 लाख रूपये के काम होने हैं. कालोनी के विकास हेतु कालोनाईजर सीतादेवी पति रामेश्वर सूर्यवंशी द्वारा भूखंड बंधक रखे गये थे. जिला कलेक्टर कालोनी को वैध करने के लिये इन बंधक भू खंडों का विक्रय कर दे. अगर बंधक भूखंडों का विक्रय करने से 15.58 लाख रूपये की राशि वसूल हो जाती है तो उस कालोनी के लोगों को विकास शुल्क देने की आवश्यक्ता नहीं है. अगर 15.58 लाख से ज्यादा पैसे आ जाते हैं तो कालोनी में अतिरिक्त काम भी हो सकते हैं. अगर 15.58 से कम पैसे आते हैं तो जितने पैसे कम आते हैं उतना ही कालोनी के रहवासियों से वसूल किया जाना चाहिये. पर शिवराज जी ने कालोनाईजर को लाभ पहुंचाने के लिये बंधक भूखंडों के विक्रय के नियम को शिथिल कर दिया है. इससे कालोनाईजरों को फायदा है और जनता का नुकसान है.
श्री अकील ने बताया कि दसियों ऐसी कालोनियाँ है जिनके विकास शुल्क की राशि 20-22 लाख या इससे कम हैं. जमीन की कीमते अभी हाई हैं हो सकता है कि इन कालोनियों के विकास की पूरी पूरी राशि बंधक प्लाट बेचने से आ जाये और जनता को विकास शुल्क की कुछ भी राशि न देनी पड़े.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *