सहायक आयुक्त का कारनामा : एक साल से चारों शिक्षा परिसरों में बिना निविदा संचालित है मेस

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अधीक्षक स्वयं खाना बनवाकर निकाल रहे हैं बिल

कार्यालय डेस्क

सिवनी 15 फर. विशिष्ट विद्यालय के अंतर्गत आने वाले शिक्षा परिसर कुरई की पोल खुलने के बाद आज जब संवाद कुंज द्वारा शेष अन्य शिक्षा परिसरों की जानकारी ली गयी तो वहाँ भी वही हाल है जो हाल कुरई शिक्षा परिसर का है याने की कहीं की भी मेस का टेंडर सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके द्वारा नहीं दिया गया है.

बताया गया है कि जिले के चारों शिक्षा परिसर में छात्रावास अधीक्षकों द्वारा लेबर लगवाये जाकर खाना बनवाया जा रहा है जिसमें छात्राएं भी खा रही हैं और सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके भी खा रहे हैं. कुरई शिक्षा परिसर अकेले से महीने के 3-4 लाख रूपये का फायदा सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके को हो रहा है अगर चारों शिक्षा परिसर के मेस से होने वाली आमदनी का अनुमान लगाया जाये तो 8 से 10 लाख रूपये महीने की कमाई सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके की सिर्फ शिक्षा परिसर की मेस में बनने वाले भोजन से है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि विभागों में भ्रष्टाचार किस स्तर का है.

ज्ञातव्य है कि भाजपा नगर अध्यक्ष श्री अभिषेक दुबे रिंकु की शिकायत के बाद कुरई के कन्या शिक्षा परिसर की जाँच शुरू हो गयी है पर बताया गया है कि कुरई के साथ साथ सिवनी कन्या शिक्षा परिसर, छपारा कन्या शिक्षा परिसर एवं लखनादौन कन्या शिक्षा परिसर में भी मेस की निविदा ही नहीं की गयी है और चूँकि इनकी शिकायते नहीं हुई है इसीलिये इनकी जाँच भी नहीं की जा रही है.

इस संबंध में अधिक जानकारी लेने के लिये आज संवाद कुंज द्वारा जब सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग से बातचीत करने की कोशिश की गयी तो पता चला कि वो अवकाश पर गये हैं. उनके स्थान पर विभाग के जो प्रभारी थे उन्होंने बताया कि वे प्रभारी ही हैं उन्हें पुराने मामलों की मालूमात नहीं है कि पर इतना पता है कि किसी भी शिक्षा परिसर में मेस के टेंडर नहीं दिये हैं सभी जगह  कर्मचारियों से भोजन बनवाया जा रहा है. टेंडर क्यों नहीं हुए इसका जवाब किसी के पास नहीं है. उल्लेखनीय होगा कि बिना टेंडर इतनी भारी भरकम राशि खर्च करना वित्तीय अनियमितता के अंतर्गत आता है.

स्व सहायता समूहों को दिया जाना  चाहिये कार्य

जिला पंचायत की एनआरएलएम योजना के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूह हैं. जिस अवधि में निविदा नहीं हुई थी उस अवधि में स्व सहायता समूहों को काम दिया जा सकता था क्योंकि यह सरकार की नीति मे है कि महिलाओं को रोजगार देना है साथ ही स्व सहायता समूहों को ऋण भी मिल जाता है पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा स्व सहायता समूहों को काम भी नहीं दिया गया.

बताया गया है कि कुरई कन्या शिक्षा परिसर में कुछ महिला स्व सहायता समूह द्वारा खाना बनाने का काम मांगा गया था जिसपर विभाग द्वारा यह लिखकर दिया गया था कि हम एक सप्ताह में मेस की निविदा निकालने वाले हैं. निविदा के माध्यम से स्व सहायता समूह काम ले लें पर इसके बाद न निविदा निकाली गयी न ही समूहों को काम दिया गया.

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