जीवन में सुख शांति हेतु जैन धर्म के सिद्धांतों पर अमल करने के अतिरिक्त हमारे पास कोई विकल्प ही नहीं है : नीता पटेरिया

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आज जिस प्रकार से हमें टीवी न्यूज में अखबारों में सर्वत्र हो रही अशांति हिंसा की अप्रिय घटनाएं पढ़ने एवं सुनने को मिल रही हैं उसके बाद यह लगता है कि अगर सभी लोग मन से भगवान महावीर के अहिंसा के सिद्धांत को आत्मसात कर लें तो यह सबकुछ अपने आप रूक जायेगा.

उक्ताशय की बात पूर्व सांसद, पूर्व विधायक श्रीमती नीता पटेरिया द्वारा शुक‘वारी गांधी चौंक में आयोजित अहिंसा सम्मेलन में कही गयी है. आपने कहा कि आज परिवार के सदस्य एक दूसरे के प्रति हिंसक हो रहे हैं. पिता पुत्र में, भाई भाई में माँ बेटों में हिंसात्मक लड़ाई हो रही है और इसका मूल कारण काम, क्रोध, मोह, माया मद है. जैन धर्म इन्हीं से बचने की प्रेरणा देता है. आज जब व्यवस्था इतनी बिगड़ गयी है तो जैन धर्म की इन शिक्षाओं पर अमल करने के अतिरिक्त हमें और कोई विकल्प नहीं दिखता. यह संसार जितनी शीघ्रता से जैन धर्म के सिद्धांतों को अपनायेगा उतनी ही जल्दी सुख एवं शांति का अनुभव करेगा.

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