कार्यालय डेस्क
सिवनी 23 दिसं (संवाद कुंज) बैनगंगा शापिंग काम्पलेक्स बस स्टैंड के सामने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्कूल में एक तीन चार मंजिला भवन का निर्माण कार्य जारी है. यह निर्माण कार्य किस विभाग द्वारा कराया जा रहा है, कौन ठेकेदार कर रहा है, ड्राइंग डिजायन क्या है इसकी जानकारी किसी को नहीं है.
ज्ञातव्य है कि 50 लाख रूपये से अधिक के निर्माण कार्य में ठेकेदार को निर्माण स्थल पर ही स्वयं की लैब स्थापित करनी पड़ती है ताकि अगर उपयंत्री को निर्माण सामग्री की जाँच करनी हो तो साइट पर ही हो सके. इसके अलावा जहाँ कहीं भी निर्माण कार्य होता है वहाँ एक बोर्ड लगाया जाता है जिसमें निर्माण कार्य संबंधी जानकारी होती है कई बार तो इस बोर्ड में ड्राइंग भी होती है.
बैनगंगा शापिंग काम्पलेक्स बस स्टैंड के सामने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्कूल में एल आकार में ओपन स्कूल (मुक्त विद्यालय) का निर्माण कार्य हो रहा है. बताया जाता है कि उक्त बिल्डिंग लगभग 3-4 मंजिला बन रही है जिसमें ठेकेदार को 9 कमरे तथा 4 हाल बनाकर देना है. निर्माण कार्य भूतल के स्लेब लेवल (लेंटर हाइट) तक हो चुका है पर जिस गोपनीय ढंग से निर्माण कार्य हो रहा है वो संदेह पैदा करने वाला है.
भवन निर्माण में जिस लोहे एवं ईंट का उपयोग किया जा रहा है वह भी कम गुणवत्ता की प्रतीत होती है. उल्लेखनीय होगा कि निर्माण सामग्री का एक वेट टेस्ट होता है दूसरा स्ट्रेन्थ टेस्ट होता है. ईट की गुणवत्ता उसकी मजबूती से आंकी जाती है जबकी लोहे की गुणवत्ता आंकने के लिये 1 मीटर लोहे की राड ली जाकर उसका वजन किया जाता है. 8 एमएम-10 एमएम-12,14-16-18-24 हर एमएम की राड का वजन अलग अलग होता है. अगर लोहा अंडर वेट पाया जाता है तो स्ट्रक्चर को पास नहीं किया जाता.
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्कूल में जो निर्माण कार्य चल है उसमें लोहे एवं ईँट की गुणवत्ता गलत प्रतीत होती है. साइट पर निर्माण कार्य का कोई बोर्ड भी नहीं लगा है. कोई लैब भी सामने से देखने पर नहीं दिखायी दी है. शासन के मूल विभाग को इस निर्माण कार्य की कोई जानकारी भी नहीं है. सोचने की बात यही है कि एक निर्माण कार्य का पूरा टेंडर लगकर स्वीकृत हो गया, कार्यादेश जारी हो गये और स्लेब लेवल तक काम पहुँच गया पर मूलविभाग को एक पत्र नहीं लिखा गया है. विभाग प्रमुख स्वयं चिट्ठी जारी कर पूछ रहे हैं कि क्या बन रहा है.