दोपहर 12 बजे हो गयी थी ओ.पी.डी. बंद
सिवनी 13 जुलाई (संवाद कुंज). इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में कार्यरत नर्सों की हड़ताल के चलते अस्पताल की हालत दिन ब दिन बिगड़ते जा रही हैं. 500 बिस्तर वाले हॉस्पिटल की स्थिति यह है कि वार्ड खाली होते जा रहे हैं. आज दोपहर 12 बजे ही ओ.पी.डी. बंद कर दी गयी थी. किसी भी मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है न ही उसे सहीं परामर्श मार्गदर्शन दिया जा रहा है. नर्सों की हड़ताल के चलते रोजाना ही हा- स्पिटल में अनेकों मरीज परेशान होते देखे जा रहे हैं,
ज्ञातव्य है कि इस समय किसान धान और मके की बुआई कर चुका है जिसके कारण उसके पास जी थी वह खेती किसानी में लग चुकी है और कर्जदार वह अलग हो चुका है. इस समय किसान के पास इतना धन नहीं है कि वह प्राइवेट में अपना इलाज करा सकें, नर्सों की हड़ताल के चलते पूरे जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गयी हैं, जो मरीज इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय आ रहे हैं चिकित्सक उन्हें देख भी नहीं रहे हैं जिसके कारण मरीज और ज्यादा परेशान हो रहे हैं. आज चूंकि जिला कलेक्टर अवकाश पर थे इसलिये दोपहर 12 बजे ओ.पी.डी. बंद कर दी गयी थी बाद में जब हास्पिटल में लड़ाई झगड़ा हुआ तो फिर मरीजों को देखना शुरू किया गया.
बताया गया है कि आज छपारा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम झिलमिली निवासी आसनी धुर्वे पिता गनपत धुर्वे उम्र 13 वर्ष अपनी माँ, मामी और मौसी के साथ दोपहर 12 बजे इंदिस गांधी जिला चिकित्सालय छपारा से रेफर होकर आयी थी तो ओ.पी.डी. बंद थी. चिकित्सकों ने इलाज करने से मना कर दिया जबकि लड़की के शरीर में की खून vबेहद कमी थी और उसे रक्त लगाया जाना जरूरी थी युवती के जो परिजन थे वे गरीब थे उनके पास जो पैसे थे उसे वे खेती किसानी में लगा चुके थे तो निजी अस्पताल में जाने लायक उनके पास पैसे गये. ही नहीं थे. जब शासकीय चिकित्सकों ने उन्हें देखने से मना कर दिया तो उन्हें यह समझ नहीं आया कि बिना पैसों के अपनी 13 साल की अति बीमार बच्ची को लेकर वे कहाँ चले जायें जिससे उनका इलाज हो सके. जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो लड़की के मामला राज धुर्वे ने अपना मोबाइल निकाल अपने कुछ परिचित वालों से मदद मांगना शुरू किया जैसे तैसे किसी की सिफारिश के चलते उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया. चिकित्सकों ने बताया उन्हें बताया कि उनकी बच्ची को रक्त की आवश्यक्ता है तो डोनर तैयार करें, जिसके बाद उन्होंने 3- 4 ब्लड डोनर लाये और अब कल सुबह लड़की को ब्लड चढ़ाया जायेगा, लड़की फीमेल वार्ड के बेड नंबर 15 में भर्ती है, इसी प्रकार और भी कई मरीज आज जिला चिकित्सालय में परेशान होते देखे gaye
आज जब हड़ताल पर बैठी कुछ नसों से बात की गयी तो उनमें से कुछ ने बताया कि वे सिविल सर्जन डॉ. नावकर के व्यवहार से भी परेशान हैं. सिविल सर्जन का व्यवहार किसी के प्रति अच्छा नहीं है, अभी भी सुबह वे नर्स को काम पर लौटने की बात कहने आये थे पर जिस लहजे में वे बात कर रहे थे वह अच्छा नहीं था. उल्लेखनीय होगा कि सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है. उनके साथ काम करने वाले चिकित्सक से लेकर चपरासी तक सभी उनके व्यवहार से नाराज है जिसके कारण जो व्यवस्थाएं व्यवहार से बनायी जा सकती हैं वे भी नहीं बन पा रही हैं.
आज जब हड़ताल पर बैठी कुछ नसों से बात की गयी तो उनमें से कुछ ने बताया कि वे सिविल सर्जन डॉ. नावकर के व्यवहार से भी परेशान हैं. सिविल सर्जन का व्यवहार किसी के प्रति अच्छा नहीं है, अभी भी सुबह वे नर्स को काम पर लौटने की बात कहने आये थे पर जिस लहजे में वे बात कर रहे थे वह अच्छा नहीं था. उल्लेखनीय होगा कि सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है. उनके साथ काम करने वाले चिकित्सक से लेकर चपरासी तक सभी उनके व्यवहार से नाराज है जिसके कारण जो व्यवस्थाएं व्यवहार से बनायी जा सकती हैं वे भी नहीं बन पा रही हैं.