कंगाल हो चुकी नगर पालिका से व्यापारी हो रहे मालामाल

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कार्यालय डेस्क

सिवनी 17 जन. (संवाद कुंज) आर्थिक रूप से कंगाल हो चुकी सिवनी नगर पालिका अगर अपनी संपत्ति का सहीं ढंग से उपयोग करे तो बहुत अच्छे आमदनी के स्रोत बन सकते हैं और नगर का विकास हो सकता है पर नगर पालिका द्वारा नगर के कुछ चुनिंदा लोगों के बीच फँसी अपनी संपत्ति को छुड़ाया ही नहीं जा रहा है जिसके फलस्वरूप विकास कार्यों में बाधा पहुँच रही है.

उक्ताशय की बात सिवनी नगर पालिका परिषद के विवेकानंद वार्ड के पार्षद राजेश राजू यादव, अशोक वार्ड के पार्षद विजय गोलू पंडित, रविशंकर भांगरे, श्रीमती गोंविदी सैयाम, श्रीमती अनुसुईया पटवा ने सिवनी नगर पालिका परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सौंपे गये पत्र में कही है.

भाजपा पार्षदों द्वारा कहा गया है कि निकाय के स्वामित्व के बुधवारी बाजार स्थित सदर काम्पलेक्स के दुकानदारों के करारनामें के अनुसार किराया वसूली और शर्तो के अनुसार करारनामा का नवीनीकरण नहीं कराया गया है. करारनामा न कराये जाने वाले व्यापारियों पर वैधानीक कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिये.
भाजपा पार्षदों का कहना है कि सिवनी बुधवारी बाजार के सदर काम्पलेक्स में निर्मित 49 दुकाने वर्ष 2007 में परिषद के आर्थिक हितो को नजरांदाज करते हुये पहले आओ पहले पाओ के तहत दे दी गयी थी. यदि इन दुकानों की खुली नीलामी होती तो दुकाने लाखों रूपये में जाती परंतु इन दुकानों को भाजपा की परिषद द्वारा कौड़ियों के भाव मात्र पचास हजार रूपये जमा कराकर दे व्यापारियों को दे दी गयी थी. उस समय जो करार हुये था उस करार के हिसाब से करारनामे का हर पैतीस माह में नवीनीकरण और किराया वृद्धि 25 प्रतिशत होना था जो आज तक नहीं हुआ है. उस समय नाममात्र किराया उस समय 12 हजार 346 रूपये वार्षिक निर्धारित हुआ था जो आज तक चल रहा है.

पार्षदों का कहना है कि कौडिय़ों के भाव दुकाने लेने वाले दुकानदारों ने आज तक करारनामें का नवीनीकरण नहीं कराया और न ही किराया वृद्धि की शर्तो का पालन किया अत: इन सभी दुकानदारों को अवैध कब्जाधारी घोषित कर दुकाने खाली कराकर दुकानो को नये सिरे से खुली बोली के आधार पर नीलाम किया जाना चाहिये और नये करारनामे कर किराये निर्धारित किया जाना चाहिये.
पार्षदों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सौंपे अपने पत्र में कहा है कि बुधवारी बाजार के सदर काम्पलेक्स में कौडियों के भाव हाथ लगी दुकानदारों ने पालिका की इस संपत्ति का बेजा दुरूपयोग किया है और दुकानों में मनमाना विस्तार कर लिया है। दुकानों को डबल स्टोरी बना लिया है. एक दुकानदार ने परिषद के द्वारा बनाये गये सार्वजनिक पेशाबघर में कब्जा कर लिया है. पार्षदों ने परिषद की संपत्ति पर मनमाना कब्जा करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है.

यहाँ यह भी उल्लेखनीय होगा कि संवाद कुंज की शिकायत पर पूर्व मुख्य नगर पालिका अधिकारी पूजा बुनकर द्वारा शुक्रवारी काम्पलेक्स की 5 दुकानों को सील कर दिया गया था. ये दुकाने अगर नीलाम होंगी तो कम से कम 1 करोड़ से अधिक की आमदनी नगर पालिका को होगी पर आज नगर पालिका द्वारा इन सीलबंद दुकानों की नीलामी भी नहीं की गयी है.

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