क्या रेल्वे ने बड़ी रेल लाइन का विस्तार केवल मालगाड़ी के लिये किया है

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माल ढुलाई में करोड़ों का राजस्व दे रहा केवलारी

रफीक खान

केवलारी 28 अगस्त (संवाद कुंज) अंग्रेजों के जमाने की 125 वर्षों से चल रही छोटी रेल लाइन, नेरोगेज ट्रेन को ब्राडगेज में बदलने में लगभग 70 वर्ष लग गये. आजादी के 70 साल बाद केवलारी को जो  बड़ी रेल लाइन मिली उससे यहाँ के लोगों को कोई लाभ ही नहीं मिल रहा है जबकि रेल्वे मालगाड़ी से करोड़ो रूपये का राजस्व बटोर रहा है.

केवलारी विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि विगत कई वर्षों से लोकसभा के चुनावों में भाजपा को वोट दिया है. केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को लगातार यहाँ से कई बार विजयी हुए हैं. केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से केवलारी नगर के जागरूक नागरिकों के द्वारा केवलारी स्टेशन में सभी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों को रोकने की मांग हमेशा की जाती रही है पर उनके द्वारा हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. रीवा इतवारी ट्रेन जो अभी कुछ दिनो के लिये बंद है को केवलारी स्टापेज नहीं दिया गया. जबकि एक समय केवलारी सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले स्टेशनों में शामिल था.  

केलवारी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अब फिर से बहुत सारी यात्री गाड़ियो को इस रूट से रेलवे निकालने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में केवलारी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की मांग है कि इन यात्री गाड़ियों का केवलारी में स्पाजेट दिया जाये. केवलारी क्षेत्र के लोगों ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव सामने हैं. अगर यात्री गाड़ियों का सटापेज केवलारी नहीं कराया गया सभी रूट की ट्रेनों का रिजर्वेशन भी प्रारंभ नहीं कराया गया तो भारतीय जनता पार्टी को चुनावों में इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे.

केवलारी क्षेत्र के लोगों ने कहा कि केवलारी में रिजर्वेशन सेंटर खुलने एवं यात्री गाड़ियों का स्टापेज होने से 175 ग्रामों की जनता को इसका फायदा मिलेगा. आज भी रेलवे यार्ड बनने के बाद माल ढुलाई में केवलारी स्टेशन ने मालगाड़ी से नागपुर रेलवे मण्डल को करोड़ों रुपए राजस्व दे रहा है वही दूसरी ओर रेलवे स्टेशन केवलारी सुपरफास्ट ट्रेनों की स्टॉपेज से वंचित है. रेल्वे को अगर केवलारी माल ढुलाई में फायदा दे रहा है तो यात्रियों के लिये थोड़ी सुविधाएं देने में केन्द्र सरकार को दिक्कत क्या है या रेल्वे ने बड़ी रेल लाइन का विस्तार केवल मालगाड़ी के लिये किया है.

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