प्रत्याशियों की शिकायत पर निष्कासित हुए हैं राजा मोहन 

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कार्यालय डेस्क

सिवनी 19 दिसं (संवाद कुंज) कांग्रेस के अधिकृत्य प्रत्याशियों द्वारा मोहनसिंह चंदेल एवं राजा बघेल के विरूद्ध विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की लिखित शिकायत मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी को की गई थी. उक्त शिकायत के आधार पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा दोनो को कारण बताओं नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा इनके द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण से संतुष्ट नही हुये जिस कारण मोहनसिंह चंदेल एवं राजा बघेल को 6 वर्ष के लिए कांग्रेंस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.

उक्ताशय की बात जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कही गयी है. विज्ञप्ति में बताया गया है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी पत्र में बडे़ ही स्पष्ट शब्दो में इस बात का उल्लेख था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक एवं अधिकृत कांग्रेस प्रत्याशी से तथ्यात्मक रूप से जानकारी प्राप्त हुई है कि आपके द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न रहकर अधिकृत कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में कार्य किया गया है. इससे स्पष्ट हो जाता है कि दोनो का पार्टी से  निष्कासन में  जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष या जिला कांग्रेस के कोई भी पदाधिकारी का कोई हस्तक्षेप नही है. यह बात मोहनसिंह चंदेल और राजा बघेल अच्छी तरह से जानते है किन्तु दुर्भावनावश बार बार निष्कासन का आरोप कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजकुमार खुराना पर लगा रहें है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोहन सिंह चंदेल को आनंद को प्रत्याशी घोषित ही मंजूर नही था. मोहन चंदेल की नियत पूर्व में भी खराब थी तभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन्हें पार्टी से निकाला है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि  पत्रकार वार्ता में मोहन चंदेल ने यह नहीं बताया कि स्व. ठाकुर हरवंशसिंह को अपना नेता बताने वाले मोहन चंदेल ने ठाकुर साहब के निर्णय के खिलाफ जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी प्रीता तामसिंह ठाकुर के खिलाफ वोट किया था जिस कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया था. पत्रकार वार्ता में उन्हें यह भी बताना था जब जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी उषा दयाल ठाकुर थी, तब उन्होंने किसे वोट किया था.

विज्ञप्ति  में कहा गया है कि पत्रकार वार्ता में श्री चंदेल को यह भी बताना था कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद मोहन चंदेल द्वारा चार वर्षो तक सिवनी विधायक के खिलाफ कभी मोर्चा नहीं खोला. उनसे कहा गया कि सिवनी विधायक के खिलाफ बोलना चाहिये, लिखना चाहिये, आपकेा सिवनी विधानसभा की जनता ने 78 हजार वोट दी है तो उन्होंने बडे़ ही साफ शब्दो में कहा था कि मेरे कुछ आर्थिक हित जुड़े है इस कारण मैं सिवनी विधायक का विरोध नही कर सकता.
विज्ञप्ति में कहा गयाहै कि जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष खुराना पर नैतिकता की दुहाई देकर स्तीफा मांगने वाले मोहन चंदेल ये क्यो भूल गये कि वे भी कांग्रेस पार्टी में जिला कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष पद पर आसीन थे क्योंकि मोहन चंदेल ने चंद रूपयो के लिए अपनी नैतिकता तो दोनों विधानसभा में बेच दी थी राजकुमार खुराना से स्तीफा मांगने वाले मोहन चंदेल अपने खुद के स्तीफे के बारे में कैसे सोचते.

 बरघाट, लखनादौन एवं केवलारी विधानसभा से तीनों कांग्रेस के प्रत्याशी अनुभवी थे तीन-तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ने का अनुभव था उन्हें चूंकि आनंद पंजवानी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे इस लिए जिला कांग्रेस अध्यक्ष की आवश्यकता सिवनी विधानसभा में अधिक थी, चुनाव की जिम्मेदारी खुद कांग्रेस प्रत्याशी आनंद पंजवानी ने खुराना को दी थी. इसमें बाकी तीनो विधानसभा प्रत्याशी को कोई ऐतराज नही था. खुराना ने तन-मन-धन से कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कार्य किया है जब भी तीनो विधानसभा में खुराना की आवश्यकता पड़ी तो प्रत्याशी के बुलावे पर उपस्थित हुये.

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