अयोध्या से रामेश्वरम तक पद यात्रा कर सिवनी पहुंची शिप्रा पाठक का स्वागत
कार्यालय डेस्क
सिवनी 17 मार्च (संवाद कुंज). जल संकट को दूर करने के लिए सर्व प्रथम नदियों को बचाना होगा. नदी किनारे सरिया सीमेंट बजरी निर्माण बिलकुल बंद करना होगा.
उक्ताशय की बात अयोध्या से रामेश्वरम तक पद यात्रा कर सिवनी पहुंची भारत की प्रथम पद यात्री वाटर वूमन शिप्रा पाठक ने कही. सिवनी पहुंचने पर आज उनका राजश्री पैलेस में भव्य स्वागत किया गया.
उल्लेखनीय हो कि शिप्रा पाठक ने 27 नवंबर को राम नगरी अयोध्या से अपनी राम जानकी पद यात्रा प्रारंभ की थी, जो राम नाम के संकल्प के साथ उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक में पड़ने वाले राम वन गमन पद चिन्ह के साथ-साथ चलकर 11 मार्च को रामेश्वरम पहुंची थीं. शिप्रा ने वन मार्ग में पड़ने वाली विभिन्न प्रमुख नदियों के जल से रामेश्वरम भगवान का जलाभिषेक कर नदियों की स्वच्छता के लिए प्रार्थना की. शिप्रा पाठक की पद यात्रा का मुय उद्देश्य भारत को भविष्य में होने वाले जल संकट से बचाने हेतु अध्यात्म जागरण से पर्यावरण जागरण का है.
आज शाम शिप्रा पाठक केसिवनी पहुंचने पर नरेंद्र टॉक के नेतृत्व में सैकड़ों राम भक्तों और मातृ शक्तियों ने शिप्रा पाठक का पुष्पवर्षा के साथ राजश्री पैलेस में स्वागत किया. देश में वाटर वूमन के नाम से व्रियात शिप्रा पाठक नर्मदा भक्त हैं और नर्मदा नदी की पैदल परिक्रमा करने के उपरांत वह अपने आध्यात्मिक जीवन का श्रेय भी नर्मदा मां को ही देती हैं.
इस अवसर पर पत्रकारवार्ता में शिप्रा पाठक ने कहा कि आने वाले दिनों में होने वाले जल संकट से भारत को बचाने के लिए नदी, जल, जंगल, पहाड़, वृक्षों को बचाना होगा. शिप्रा ने कहा आज की जागरूकता हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए वरदान साबित होगी. उन्होंने कहा सरकार के ऊपर जिम्मेदारियां थोप कर हम बच नही सकते. इसके लिए हम सभी को जल के महत्त्व और संरक्षण को आपस में मिलकर एक दूसरे को समझाना होगा.
शिप्रा का कहना है जल संकट को दूर करने के लिए सर्व प्रथम नदियों को बचाना होगा. नदी किनारे सरिया सीमेंट बजरी निर्माण बिलकुल बंद करना होगा. नदी के प्राकृतिक जल स्त्रोत खोलकर नदियों की अविरल धारा बहाने हेतु कार्य करना होगा. नदियों में प्रवाहित होने वाले रसायनिक तत्व बंद करने होंगे.
इस दौरान यहां उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुये वाटर वूमन शिप्रा पाठक ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को राम जानकी के चरित्र के बारे में बताएं उन्हें रामायण का ज्ञान करायें. उन्हें ये समझाएं कि कैसे राम ने अयोध्या का यश वैभव छोड़कर वन मार्ग में जानकी के समाज के हर वर्ग को गले लगाया.