दिल्ली पंजाब की बार्डर बना सिवनी, देर रात तक धरना रहा जारी

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किसानों के सामने नहीं आये ढालसिंह और मुनमुन

सिंचाई विभाग के ईई ने कहा कि सरकार ठेकेदार को टर्मिनेट नहीं कर रही

कार्यालय डेस्क

सिवनी 2 अक्टूबर (संवाद कुंज) आज गांधी जयंती के अवसर पर किसानों द्वारा रानी दुर्गावती और बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के बीच कचहरी चौंक में किसान सत्याग्रह की शुरूआत की गयी. किसानों ने कहा कि आज तक हमारे गाँव में पेंच का पानी नहीं आया है, लालमाटी क्षेत्र में पानी पहुँचाने की बात मुख्यमंत्री वर्षों से कह रहे हैं पर वहाँ भी पानी नहीं आया है इसका जवाब हमें जनप्रतिनिधियों से हमारे सांसद ढालसिंह बिसेन एवं विधायक दिनेश राय मुनमुन से चाहिये.

ज्ञातव्य है कि किसान रैली एवं किसान महासभा का आयोजन कृष्णा लान लूघरवाड़ा से किया गया था. यह रैली सुबह 11बजे निकलने वाली थी जो कि 2 बजे तक नहीं निकली और दो बजे जब किसानों की ट्रेक्टर रैली शुरू हुई तब किसी को नहीं पता था कि किसानों की तैयारी ट्रेक्टर से रैली निकालने की नहीं बल्कि ट्रेक्टर से चका जाम करने की है. कृषक रैली के रूप में लूघरवाड़ा से कचहरी चौंक आये और फिर अपने अपने ट्रेक्टरों को आड़ा तिरछा खड़ा कर पूरे कचहरी चौंक को जाम कर दिया और रानी दुर्गावती की प्रतिमा के सामने बैठ गये कि हमें सांसद विधायक से बात करनी है. जब तक हमारी बाते सांसद विधायक से नहीं होगी हम नहीं उठेंगे.

सांसद ढालसिंह बिसेन और विधायक श्री दिनेश राय मुनमुन किसानों को नहर के मुद्दे में फेस नहीं कर सकते थे इसीलिये उन्होंने न आने पर ही अपनी भलाई समझी क्योंकि पूरी मीडिया मौके पर मौजूद थी. सांसद विधायक अगर किसानों की बात का जवाब नहीं दे पाते तो उनकी किरकिरी होती इसलिये वे आये ही नहीं. वहीं दूसरी ओर पुलिस को यह समझ नही आ रहा था कि इस चकाजाम को खुलवाये कैसे ? चुनाव के समय किसानों पर लाठी चार्ज वे कर नहीं सकते अतः ई.ई. पेंच (केनाल) श्री सिरसाम को आदेशित किया गया कि वे जायें और किसान नहरों के संबंध में क्या बात कह रहे हैं उन्हें सुने और आश्वासन दे. इसके बाद ई.ई. पेंच (केनाल) श्री सिरसाम मौके किसानों के धरना स्थल कचहरी चौंक पहुँचे.

ई.ई. पेंच से किसानों ने जब बात की तो उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि 10 साल से अधिक बीत गये हैं पर मेंटाना कंपनी पेंच की नहरों का काम नहीं कर रही है जिसके कारण पेंच की एक भी नहर डी1, डी2, डी3, डी4 एवं इसकी सब माइनर नहरों में पानी नहीं आ रहा है. ईई द्वारा यह भी स्वीकारा गया कि हम ठेकेदार का कुछ करने की स्थिति में नहीं है अधिकतम जिला कार्यालय के हाथ में इतना ही है कि वे ठेकेदार को टर्मिनेट करने का पत्र शासन को भेज दें तो हमारे द्वारा ठेकेदार को टर्मिनेट करने का पत्र अनेकों बार शासन स्तर पर भेजा जा चुका है पर शासन स्तर पर जिन लोगों को निर्णय लेना है वे ठेकेदार के पक्ष में है वे उससे काम भी नहीं करा रहे हैं और उसे काम से टर्मिनेट भी नहीं कर रहे हैं.

इसके बाद किसानों द्वारा जब लालमाटी क्षेत्र में पानी लाये जाने की मांग की गयी तो ई.ई. द्वारा बताया गया कि लालमाटी क्षेत्र में पानी हम नहीं ला सकते. इस पर किसान नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री अनेकों बार लालमाटी क्षेत्र में पानी पहुँचाने की बात कह चुके हैं तो पानी पहुँचाया क्यों नही जा रहा है. देश में हर जगह जहाँ पानी साइफन सिस्टम से नहीं पहुँच पा रहा है वहाँ लिफ्ट इरिगेशन से पानी पहुँचाया जा रहा है तो फिर सिवनी को इस सुविधा का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है जबकि पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा के लिये इससे आगे की तकनीक जिसे माइक्रो इरिगेशन कहा जाता वह आ गयी. किसानों ने कहा कि विकास छिंदवाड़ा तक पहुँच जाता है. बालाघाट तक पहुँच जाता है. नागपुर जबलपुर, नरसिंगपुर, मंडला पहुँच जाता है पर सिवनी क्यों अछूता रह जाता है ?

गौरतलब होगा कि आज के किसान आंदोलन में फुलारा मातृधाम क्षेत्र गोपालगंज लालमाटी क्षेत्र कंडीपार उड़ेपानी क्षेत्र कलारबांकी बंडोल क्षेत्र बांकी बखारी क्षेत्र एवं जैतपुर, दिघौरी,मुंगवानी क्षेत्र के किसान आये थे.

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